One - The original (seed)
Two - The response
Three - The re-response:
नया चाँद हर महिने आता रहेगा
हँसता गाता रहेगा, मुस्कुराता रहेगा
चाँद से ज्यादा चंचल तो हम ही हैं,
जानते हैं कि हर नया चाँद गुमनाम होता रहेगा |
हँसता गाता रहेगा, मुस्कुराता रहेगा
चाँद से ज्यादा चंचल तो हम ही हैं,
जानते हैं कि हर नया चाँद गुमनाम होता रहेगा |
फिर भी हम आस लगाए बैठते हैं कि वह हर रात सजाएगा
चुरा के ही सही, इतनी रौशनी भला वह भी कहाँ से लाएगा?
फिर अमावस पे वह नही आता, टूटते हमारे दिल
तब याद आते हैं तारे, आज फिर दिखते झिलमिल |
चुरा के ही सही, इतनी रौशनी भला वह भी कहाँ से लाएगा?
फिर अमावस पे वह नही आता, टूटते हमारे दिल
तब याद आते हैं तारे, आज फिर दिखते झिलमिल |
चाँद या तारे, दोनों के बिना अधूरी ही लगती है रात
अंतर बस यह कि हम ही हैं देखते चाँद को अरमानों के साथ
तारों के साथ हम अरमानों के कोई बंधन नहीं रखते
इसी लिए लगते हैं वो अपने, हो पाती है उनसे दिल की बात |
~~~ ~~~ ~~~ ~~~ ~~~ ~~~ ~~~ ~~~
सब तारों में एक, कोने में अकेला बैठा रहता है
लोग पाते उसको अचल, उत्तर दिशा दिखाता है
पर लोग क्या जाने, हाय! कैसी चक्कर आती है...
एक दो ही नहीं, पूरी दुनिया जो मंडराती है |
लोग पाते उसको अचल, उत्तर दिशा दिखाता है
पर लोग क्या जाने, हाय! कैसी चक्कर आती है...
एक दो ही नहीं, पूरी दुनिया जो मंडराती है |
पूनम पे तो मुरझाता है, जलता है चाँद से थोडा सा
और अमावस पे तुम्हे गुमसुम देख, होता है मायूस सा
लेकिन उस ध्रुव ने भी ठानी है ध्रुव तारा बने रहने की
अमावस की रात जब चाँद न हो साथ, लोगों का साथ देने की |
और अमावस पे तुम्हे गुमसुम देख, होता है मायूस सा
लेकिन उस ध्रुव ने भी ठानी है ध्रुव तारा बने रहने की
अमावस की रात जब चाँद न हो साथ, लोगों का साथ देने की |
उसके भी दिल की सुनने वाली होगी कोई परी
कफनी वाले जोगी का दिल हुआ है भारी
तड़प रहा है वो भी ऐसे ही किसी के साथ के लिए
किसी के नही, शायद उसी एक हाथ के लिए |
- कार्तिक
९ अप्रैल २००९
3 comments:
Yeeeeeeee!
Kartik is also here :)
Awefome :)
nice poem.......especially the last stanza is Awefome :)
thank you!
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